मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दिल्ली स्थित नए झारखंड भवन में हूल दिवस पर सिद्धू-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित की और शिबू सोरेन की स्वास्थ्य को लेकर भी जानकारी दी।
दिल्ली, 30 जून 2025 — झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज हूल दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित नए झारखंड भवन में वीर सपूत सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हूल क्रांति के इतिहास और आदिवासी वीरों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि सिद्धू-कान्हू के नेतृत्व में 1855 की हूल क्रांति भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महान और प्रेरणादायक घटना थी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि संथाल हूल विद्रोह आदिवासियों ने अंग्रेजों और दमनकारी महाजनों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। यह विद्रोह आदिवासी अस्मिता और जल, जंगल, जमीन के लिए हुए संघर्ष का प्रतीक है। इस विद्रोह में हजारों आदिवासियों ने अपनी जान न्यौछावर कर दी थी, और इसे अक्सर 1857 के सिपाही विद्रोह से पहले की ‘आजादी की पहली लड़ाई’ के रूप में भी याद किया जाता है। आगे उन्होंने कहा संथाल हूल विद्रोह के महानायक अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो और हजारों वीर शहीदों के संघर्ष और समर्पण के पदचिन्हों पर चलने वाले आदरणीय बाबा दिशोम गुरुजी अभी अस्वस्थ हैं। इस कारण मैं इस बार भोगनाडीह की क्रांतिकारी, वीर भूमि पर नहीं आ पाया । लेकिन हूल दिवस हमारे लिए सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है। हूल दिवस हमारे लिए संकल्प का दिन है, हूल हमारी ताकत है, हूल हमारी पहचान है।

उन्होंने एक्स के माध्यम राज्यवासियों से कहा कि आने वाले समय में आदिवासी धर्म कोड, आदिवासी संस्कृति, भाषा, सभ्यता और पहचान के लिए हूल उलगुलान होगा।
हूल दिवस पर अमर वीर शहीदों को शत-शत नमन!
इस अवसर पर गांडेय विधायक कल्पना सोरेन,विधायक रामगढ़ ममता देवी, विधायक टुंडी मथुरा प्रसाद महतो, विधायक सारठ उदय प्रताप सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, विधायक खिजरी राजेश कच्छप और पूर्व विधायक के एन त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।
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