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सच दिखेगा तो बोलेगा

हेमंत सोरेन बने राजनीतिक गुरु, विरोधियों को पटकनी देते हुए पूरे किए अपने वादे।

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विरोधियों को पटकनी देने की कला मुख्यमंत्री Hemant soren में आ गई। अब हेमंत सोरेन, हेमंत सोरेन ही नहीं राजनीतिक गुरु बन चुके हैं।

दरअसल यह बात में इसलिए कह रहा हूं कि 5 जून 2025 झारखंड के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया। हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची में राज्य वासियों को एक बड़ा तोहफा दिया है।

हेमंत ने इस तरह से तैयार किया अपना मास्टर स्ट्रोक प्लान कि लोग कहते रह गए कि हेमंत है तो हिम्मत है। हेमंत सोरेन जो कहते हैं वह वादा पूरा करते हैं। 56 इंच के सीने वाला हेमंत सोरेन, 56 सीटों वाला हेमंत सोरेन, सबसे मजबूत मुख्यमंत्री, आदिवासियों के बड़ा नेता, हेमंत सोरेन ने जो बोला वह करके दिखाया।

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लोग कहते हैं कि विरोध होता रहा, विरोधी देखते रहे, एक दिन पहले हेमंत के विरोधियों ने झारखंड बंद कर दिया, लेकिन हेमंत सोरेन ने अपने सूझबूझ से विकास की गाड़ी को सरपट दौड़ा दिया। विकास की तेज रफ्तार को देख राज्य के लोग कहने लगे “हेमंत है तो हिम्मत है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम “हिम्मत विकास सोरेन है।

लोग कह रहे हैं हेमंत सोरेन ने जेल में रहते वादा किया कि प्रदेश की मैया को मैया सम्मान के तौर पर ₹1000/माह देंगे। वादा पूरा किया ₹1000/प्रति माह महिलाओं के खाते में गया। राज्य की महिलाएं खुशी से झूमने लगी, कहने लगी दादा , हेमंत दादा , हमर कर्म,हमारी राखी हेमंत दादा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल रहते राज्य को एक और नेत्री कल्पना सोरेन का राजनीतिक उदय आंसुओं के साथ हुआ। प्रदेश के लोगों को बल मिला। राज्य की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी। लोकसभा में बेहतर प्रदर्शन रहा। हेमंत सोरेन जेल से निकलकर पुनः मुख्यमंत्री बने और 2024 के विधानसभा चुनाव में फिर से वादा किया की हमारी सरकार बनेगी तो राज्य के सभी मैया के खाते में ₹1000 की जगह, मैया सम्मान की राशि को डबल करके ₹2500 दूंगा। हमारी माई, बहने सशक्त, सबल ,आत्मनिर्भर बनेगी। और हुआ भी वही की सरकार 56 सीटों के साथ भारी बहुमत में जबरदस्त वापसी की। हेमंत सोरेन पुनः मुख्यमंत्री के ताज पहन लिए। और इसके साथ ही अपने वादा को पूरा करते हुए प्रदेश के महिलाओं के खाते में ₹2500 मैया सम्मान योजना की राशि भेज दिया। राज्य की सभी महिलाएं खुशी से घूमते हुए कहने लगी “हेमंत है तो हिम्मत है” भाई हो , दादा हो तो हेमंत सोरेन के जैसा।

मुख्यमंत्री हेमंत विकास सोरेन ने एक और वादा करते हुए कहा था कि राज्य के लोग राजधानी आते हैं जरूरी काम से और रांची के जाम में फंस जाते हैं। तो यह समस्या के निवारण के लिए प्रदेश के लोगों को फ्लाईओवर बना कर दूंगा। लोगों में विश्वास की लहर दौड़ने लगी और लोग फ्लाईओवर पर चढ़ने का इंतजार करने लगे। अब यह फ्लाईओवर का वादा 2 साल तक कार्यधीन रहा,तत्पश्चात 2 वर्षों में सिरमटोली से डोरंडा हाई कोर्ट जोड़ने वाला फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया। बीते 5 जून को फ्लाईओवर को दुल्हन की तरह सजाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रदेश के लोगों को उपहार के रूप में सुपुर्द कर दिया। लेकिन इस बीच सिरम टोली फ्लाईओवर को आदिवासी समाज के द्वारा आंशिक विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि सिरमटोली सरना स्थल का फ्लाईओवर में राजनीतिक देख लोगों ने रोटी सेकना शुरू कर अपनी जमीन तैयार करने में जुट गए।

कहते हैं कि फ्लाईओवर का विरोध कर रहे अगुवाओं के मानसिक स्थिति को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पढ़ लिया। और उसके बाद से विरोध के हर एक एक्टिविटी को खुद मॉनिटरिंग करने लगे। स्वाभाविक है क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने DPR बनाते समय खुद ही 20 दिनों तक इंजीनियर की भूमिका में सिरम टोली फ्लाईओवर का रूप तैयार किया था जो कि 5 जून झारखण्ड प्रदेश के लिए हेमंत सोरेन ने ऐतिहासिक दिन बना दिया।

तो कह सकते हैं कि हेमंत कल्पना विकास सोरेन दोनों मिलकर विरोधियों को कैसे पटकनी देते हुए प्रदेश का कैसे विकास हो यह समझ चुके हैं।

लिहाजा इस बात को समझा जा सकता है कि हेमंत सोरेन में विरोधियों को पटकनी देने की कला आ गई है। राजेंद्र चौक-सिरम टोली फ्लाईओवर का उद्घाटन जिस प्रकार से हुआ है वह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय है। लोग कह रहे हैं की दिशोम गुरु शिबू सोरेन का बेटा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में अब राजनीतिक परिपक्वता आ चुकी है। अब हेमंत राजनीतिक गुरु बन चुके हैं। क्योंकि हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता को साफ संदेश दे दिया है, कि राज्य की जनता के विकास उनके लिए महत्वपूर्ण है। हम जो वादा करते हैं वह वादा पूरा करते हैं।

Pankajkushwaha

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