भारतीय संविधान में जब कोई सरकारी अधिकारी कर्मचारी बेलगाम हो जाता है तब जाकर जनता जनप्रतिनिधि से गुहार लगाता है और जनप्रतिनिधि के फटकार के बाद अधिकारी की नींद खुलती है, ऐसा ही हल जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला है। बता दूं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमुआ के बीपीएम अमित कुमार सिन्हा का स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तीसरी कर दिया गया है।
खबरों के मुताबिक अमित कुमार सिन्हा पहले देवरी स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम रहे हैं, डेपुटेशन में जमुआ स्वास्थ्य केंद्र किया गया था। हैरानी की बात यह है कि तकरीबन 8 से 9 महीना के कार्यकाल जमुआ स्वास्थ्य केंद्र में रहा इस दौरान जमुआ स्वास्थ्य केंद्र के सफाई कर्मी या ममता वाहनकर्मी, स्वास्थ्य केंद्र में आउटसोर्सिंग के कर्मचारी के द्वारा लगातार आरोप रहा है कि बीपीएम अमित कुमार सिन्हा का कार्यकाल बहुत ही खराब था, इनकी रवैया बेहद ही खराब रहा । आउटसोर्सिंग स्टाफ का आरोप है की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जमुआ में कार्यरत सभी आउटसोसिंग कर्मी को मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा था। साथ ही सभी उपस्थिति पंजी अस्पताल कार्यालय में रहता है लेकिन सिर्फ आउटसोर्सिंग कर्मीयों की उपस्थिति पंजी को अमित कुमार सिन्हा (प्रखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जमुआ ने अपने पास रखा है. उपस्थित कर्मी को भी अपने स्तर से अनुपस्थित कर उपस्थिति दर्ज करने नहीं दिया जाता है तथा, उपस्थिति विवरणी बना कर भेजने के अवज में पैसे की मांग किया जाता है। पैसे नहीं देने पर कार्य मुक्त करने का धमकी दिया जाता है। एवं सभी महिला सफाई कर्मीयों के साथ दुव्यवहार किया जाता है। ममता वाहन का भुगतान करने के एवज में 5000 रुपया लिया जाता था। घुस नहीं देने पर धमकी दी जा रही है कि आपका ममता वाहन संचालन रद्द कर दिया जाएगा इसके साथ मानसीक एवं शारीरिक रूप से प्रताडीत किया जा रहा था, और बताया जाता है कि पैसा नहीं देने पर एक ममता वाहन का संचालन भी रद्द करने को लेकर चिट्ठी निकलवा दिया था। और इस तरह के स्थिति से गुजरते देखा वहां के कर्मचारियों ने लिखित आवेदन मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गिरिडीह को दिया गया , जिस पर कोई पहल नहीं किया गया था।
इसके साथ में स्थानीय विधायक को भी सूचना दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं किया गया तो अंतिम में जाकर झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के मंत्री सुदिव्या कुमार को आवेदन लिखकर गुहार लगाया। श्री मंत्री ने आवेदन के आलोक में मुख्य स्वास्थ्य पदाधिकारी को जांच कर उचित कार्रवाई करने को कहा, तब पदाधिकारी ने बचते बचाते हुए जमुआ स्वास्थ्य केंद्र से तीसरी स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरण कर दिया।
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